बेबी शॉवर फंक्शन

गोद भराई की रस्म कैसे की जाती है? बेबी शॉवर फंक्शन- MomBaby Corner

गोद भराई की रस्म कैसे की जाती है? बेबी शॉवर फंक्शन-  हमारे भारत देश में गोद भराई की रस्म का बहुत महत्व है गोद भराई के दिन गर्भवती महिला और उसके होने वाले प्यारे बच्चे को खूब आशीर्वाद मिलता है और बहुत प्यार मिलता है नन्हे मेहमान की आने की ख़ुशी मनाई जाती है, देश के कई क्षेत्र में यह गोद भराई की रस्म अपने – अपने रीति रिवाज के अनुसार बनाई जाती है। 

गोद भराई की रस्म

यह  दिन गर्भवती महिला के लिए बहुत खास होता है, इस दिन गर्भवती महिला को एक रानी की तरह सजाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है उसके माथे पर टीका लगाकर उसकी गोद को फलों और ड्राई फ्रूट से भरते हैं माँमबेबी कार्नर के इस इस आर्टिकल में आज हम आपको गोद भराई रस्म की पूरी जानकारी देंगे

गोद भराई की रस्म क्या होती है?

गोद भराई को कई लोग बेबी शॉवर (Baby Shower)  के नाम से भी जानते हैं गोद भराई का मतलब गर्भवती महिला की गोद को भरना है, इस रस्म में महिला और महिला के पेट में पल रहे शिशु को बहुत आशीर्वाद मिलता है और दोनों के मंगल की कामना करते है की उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे यह रस्म भारत देश में  हर जगह अलग अलग नाम से जानी जाती है

गोद भराई की रस्म कब करनी चाहिए?

godh bharai

जब गर्भवती महिला का सातवां महीना या आठवें की शुरुआत होती है, ज़्यदातर लोग तभी गोद भराई की रस्म को आयोजित करते है ये बात पूरी तरीके से महिला के परिवार से सम्बंधित है, क्योकि ये रस्म लोग अपने -अपने परिवार वालो के रीति रिवाज के अनुसार करते है कही पर सातवें महीने में भी ये रस्म का प्रोग्राम आयोजित होता है तो कही आठवें महीने में होता है कहा जाता है कि आठवें महीने में गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहा शिशु एक सुरक्षित स्टेज में आ जाते है तब आप इस गोद भराई की रस्म को आयोजित करते है तो गर्भवती महिला भी ठीक से इस प्रोग्राम का आनंद ले पाती है, इसलिए आठवां महीना गोद भराई की रस्म के लिए बिलकुल ठीक होता है

गर्भवती महिला की गोद भराई कैसे होती है?

देश के विभिन्न क्षेत्रों में यह रस्म अपने परम्परा  के अनुसार मनाई जाती हैं, पर इन सब का आधार एक ही होता है कि गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे शिशु को आशीर्वाद और उपहार देना  हम नन्हे मेहमान के आने की खुशी में इस प्रोग्राम को आयोजित करते हैं

इस दिन गर्भवती महिला अपने मायके से आयी हुई साड़ी पहनती है, और पूरा श्रृंगार होता है, गर्भवती महिला  को एक दुल्हन की तरह सजाया जाता है और उसके माथे पर टीका करके उसकी गोद को फलों और ड्राई फ्रूट से भरते हैं, कहते है की फल और ड्राई फ्रूट्स खाने से बच्चे और माँ की सेहत अच्छी रहेगी दोस्त और रिश्तेदार गोद को उपहार से भरते हैं। 

गोद भराई के दिन  गर्भवती महिला का खास तौर से ध्यान रखा जाता है और सारा खाना गर्भवती महिला की पसंद से बनता है, जो महिला को पसंद होता है वही खाना सबके लिए बनाया जाता है  गर्भवती महिला को अच्छे स बैठाकर  खाना खिलाया जाता है और खूब संगीत नाच गानों के साथ हम नन्हे मेहमान के आने का स्वागत करते हैं। इस दिन बहुत फोटो खींचते हैं, और कुछ गेम खेले जाते है जैसे की बेबी लड़का है या लड़की गेस करो, ऐसे तरह तरह के फनी गेम खेले जाते है की गर्भवती महिला खुश रहे और इस रस्म का आनंद उठाये 

गोद भराई रस्म का क्या महत्व होता है?

गोद भराई की रस्म एक गर्भवती औरत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस दिन उसका और  उसके होने वाले बच्चे की अच्छे स्वास्थ्य की लोग मंगल कामना करते हैं इसलिए गर्भवती  महिला के लिए यह दिन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है 

  • जब महिला आठवें महीने में पहुंच जाती है तो वह एक सुरक्षित स्टेज में  होती है इसी की खुशी होती है 
  • गर्भवती महिला की गोद में फल और ड्राई फ्रूट खाने के लिए दिए जाते हैं, जिससे महिला और महिला का होने वाले बच्चा स्वस्थ बना रहे हैं  
  • गोद भराई की पूजा से कई तरह के दोष दूर होते हैं 
  • जब डिलीवरी का समय नज़दीक आता है तो रस्म के जरिये गर्भवती महिला को बुजुर्गो का बहुत आशीर्वाद मिलता है, बुजुर्गो का आशीर्वाद इस रस्म में बहुत महत्व रखता है
  • इस रस्म में महिला को खुश रखा जाता है और उसको स्पेशल फील कराया जाता है, क्योकि प्रेगनेंसी में खुश रहना और खुश रखना दोनों की जरुरत होती है इस रस्म से महिला को बहुत ख़ुशी मिलती है 

गोद भराई रस्म हिंदू कल्चर

हिन्दू कल्चर के हिसाब से गर्भवती महिला के मायके से गोद भराई का कुछ सामान आता है, जैसे की विशेष तरह की साड़ी, श्रृंगार का सारा सामान, गीला नारियल, पूजा का सामान, मिठाइयां, सूखे मेवे, फल और बहुत तरह की चीज़े आती है ये सब लड़की के माता पिता लाते है, महिला इस दिन अपने मायके से आयी हुई चीज़े पहनती है पूरा श्रृंगार करती है 

गोद भराई सामग्री

घर के बड़े गर्भवती महिला के माथे में टीका लगाकर उसकी गोद को फलो और सूखे मेवें से भरते है, और तरह – तरह की मिठाइयां भी दी जाती है, जो गर्भवती महिला को खाना होता है सूखे मेवें और फल इसलिए दिए जाते है क्योकि इसके खाने से होने वाली माँ और शिशु दोनों का स्वास्थ्य अच्छा बना रहे सब बड़े – बूढ़े, ससुराल वाले और लड़की के मायके वाले गोद को भरते है और होने वाली माँ और शिशु के कल्याण की कामना करते है की नन्हा मेहमान इस दुनिया में अच्छे से आये और सेहत भी अच्छी रहे 

गोद भराई डेकोरेशन | godh bharai decoration ideas at home

godh bharai decoration ideas at home

गोद भराई के लिए आप घर पर भी सजावट कर सकते है, क्योकि गर्भवती महिला को बार बार आराम की जरुरत होती है। अगर आप घर पर ही सजावट करते है तो जब महिला को आराम करना होगा वो रेस्ट कर सकती है। गोद भराई डेकोरेशन के लिए पहले आप कुछ सामान की लिस्ट तैयार करे की कितने लोग आएंगे और क्या क्या सजावट के लिए लगेगा फिर आप ऑनलाइन या बाजार से जाकर सारा सामान लेकर आइये। हम आपको इस आर्टिकल में कुछ डेकोरेशन आइडियाज दे रहे है इससे आपको कुछ मदद मिल जाएगी। 

कर्टेन (LED light curtain)

LED light curtain

सबसे पहले जिस दिवार में आपको डेकोरेशन करनी है उस दिवार में रंगीन कर्टेन यानी की परदे को लगाए। आपको ऑनलाइन बहुत सारे  रंगीन LED light curtain) मिल जायेगे।

बेबी शॉवर फॉयल बैलून

foil balloon

अपने जो दिवार को कर्टेन से सजाया है उसी में बेबी शॉवर का फॉयल बैलून लगाना है क्योकि आपकी गोद भराई की थीम है।

बेबी बॉय और गर्ल बैनर

baby boy banner

फिर आपको उसी दिवार में बेबी बॉय और गर्ल का बैनर लगाना है की बच्चा लड़का है या लड़की?

हार्ट शेप बैलून

heart shape balloon

आपको पूरे कमरे को  हार्ट शेप के बैलून से सजाना है।

लाइट्स

lights

आप घर पर कलरफुल लाइट्स या झालर भी लगा सकते है। आज कल लाइट्स का बहुत ट्रेंड है, इसलिए आप LED लाइट्स का प्रयोग कर सकते है।

केक

baby boy or girl cake

आप को गोद भराई के दिन एक स्पेशल केक का आर्डर करे, जिसमे बेबी बॉय और गर्ल लिखा हो। जब सारी गोद भराई की रसम हो जाए तो अंत में गर्भवती महिला उस केक को काट सकती है। इसे भी डेकोरेशन में शामिल करे।

नीले और गुलाबी जूते

baby shoes

जो आपने केक के लिए टेबल सजाई है उसमे नीले और गुलाबी जूते भी रखे जो बेबी बॉय और गर्ल को दर्शाता है। 

कुछ बच्चे के कपड़े

baby clothes

आप कुछ बेबी बॉय और गर्ल के कपडे ख़रीदे, उसे आप एक डोरी में बांध कर जो दिवार सजाई है उसमे लगा दे बहुत खूबसूरत लगेगा। 

गोद भराई की रस्म में गर्भवती महिला के लिए कुछ टिप्स

गोद भराई की रस्म परिवार वाले बहुत धूमधाम से मनाते हैं और सब दोस्त और रिश्तेदार मिलकर खूब आनंद उठाते हैं, ऐसे में गर्भवती महिला का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, उसको कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए इसलिए कुछ बातों का ध्यान आपको विशेष तौर से रखना है

आराम करना

गर्भवती महिला को जरुरी है की जब फंक्शन यानी की गोद भराई की रस्म शुरू होने वाली हो उसके 2 घंटे पहले से आराम करे और फंक्शन ख़त्म होते ही तुरंत आराम करे इसके बीच में अगर कही कोई कमज़ोरी आ रही तो बीच बीच में जाकर आराम कर ले

ढीले कपड़े पहने

इस दिन बिलकुल ढीले कपडे पहने क्योकि आपको गोद भराई की रस्म के लिए काफी देर बैठना होता है, अगर कपडे टाइट होंगे तो गर्भवती महिला को परेशानी उठानी पढ़ सकती है

पानी खूब पिए

आपको  पूरी गर्भावस्था में बहुत पानी पीना है और गोद भराई की रस्म वाले दिन एक पानी का बोतल अपने पास ही रखना हैहर आधे – आधे घंटे में पानी पीते रहे, अपने आप को हाइड्रेट रखे 

डांस ना करे

सब लोग इस रसम में नाच  गाने करते है, पर गर्भवती महिला को इन नाच – गाने से थोड़ा दूर रहना है  क्योकि फंक्शन में बहुत भीड़ होती है कही धक्का मुक्की न लग जाए इस इसलिए दूर से आनंद उठाये 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

गोद भराई में क्या क्या सामान देना चाहिए?

गोद भराई में आप फलो की टोकरी और सूखे मेवे के साथ कुछ मिठाइयां दे सकते है 

बेबी शावर कब किया जाता है?

बेबी शावर सातवें या आठवें महीने में कर सकते हैयह पूर्णतया गर्भवती महिला के परिवार की परम्परा के अनुसार किया जाता है  

गोद भराई का मुहूर्त कब है?

गोद भराई का मुहूर्त ज्यादातर दोपहर और शाम के बीच में करना सही है

गोद भराई सामग्री

गोद भराई सामग्री- गोद भराई में गीला नारियल, श्रृंगार का सामान, कलश, माथे में लगाने के लिए टीका,चौक बनाने के लिए आटा या रंग,  फलो की टोकरी, फूल पूजा के लिए, तरह तरह की मिठाइयां, अक्षत और विशेष तरह की साड़ी जो होने वाली माँ पहनेगी

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