जब एक महिला गर्भधारण कर लेती है तो वो बहुत उत्सुक होती है की उसका नन्हा मुन्हा कब इस दुनिया में आएगा और वो कब माँ बनने का सुख ले पायेगी। एक महिला नौ महीने अपने शिशु को पेट में रखकर अंदर से महसूस करती है और बाते करती है कि वो इस दुनिया में जल्दी आये, उसको देखने के लिए एक माँ बहुत इन्जार करती है और फिर उस गर्भवती महिला के मन में डिलीवरी की बात आती है कि कब तक उसका शिशु इस दुनिया में आएगा यानी की महिला की डिलीवरी की क्या तारीख होगी। आमतौर पर लोग शिशु के जन्म की संभावित तिथि को डिलीवरी ड्यू डेट, प्रेगनेंसी की ड्यू डेट या प्रसव नियत तिथि के नाम से जानते है।
माँमबेबी कार्नर के इस आर्टिकल में हम आपको बतायेगे की एक गर्भवती महिला अपनी डिलीवरी की ड्यू डेट कैसे पता करे?
डिलीवरी ड्यू डेट क्या होती है? Delivery Due Date
जिस तारीख को शिशु के जन्म की संभावना होती है उसी को हम डिलीवरी ड्यू डेटयानी की EDD (Expected date of delivery) के नाम से जानते है।
यह डेट सिर्फ एक संभावित डेट होती है इसका मतलब ये नहीं होता है की शिशु इसी दिन जन्म लेगा, आप सिर्फ एक अनुमान लगा सकते है की जो ड्यू डेट आपको मिली है उसी डेट के आस पास शिशु का जन्म हो सकता है। क्योकि हर महिला की प्रेगनेंसी अलग – अलग होती है। किसी को 8वें महीने में बच्चा हो जाता है तो किसी को पूरे नौ महीने के बाद बच्चा होता है। ड्यू डेट सिर्फ एक संभावित तारीख होती है इसके पहले या इसके बाद शिशु का जन्म हो सकता है।
डिलीवरी ड्यू डेट कैसे निकाले? Delivery date calculator in hindi
गर्भधारण के बाद महिला और महिला के परिवार वाले बेसब्री से नन्हे मेहमान के स्वागत के लिए ढेरों सपने सजाने लगते हैं और महिला की डिलीवरी की डेट का पता चलते ही वह तैयारियों में लग जाते हैं। हम आपको बताना चाहेंगे की प्रेगनेंसी का जो समय होता है वो पूरा 280 दिन का होता है। आप इसे 40 हफ्ते भी बोल सकते है।
अगर किसी महिला को पता चल गया है कि वह गर्भधारण कर चुकी है यानी कि प्रेगनेंट है तो वह अपना डिलीवरी की ड्यू डेट चुटकियों में निकाल सकती है। यह कोई कठिन बात नहीं होती है तो आइए देखते हैं महिला अपना डिलीवरी की ड्यू डेट कैसे निकाले?
गर्भवती महिला के अंतिम पीरियड्स के पहले दिन में 9 महीने जोड़ दे और फिर उसमे 7 दिन और जोड़ दे, जो डेट निकल कर आएगी वही महिला की EDD (expected date of delivery) यानी की संभावित डिलीवरी डेट होगी इसी के आस पास शिशु का जन्म होने के आसार होते है।
उदाहरण
आपके LMP यानी की लास्ट पीरियड्स का पहला दिन मान लेते है 1जनवरी 2022 है इस डेट में हम 9 महीने जोड़ देते है तो 1 अक्टूबर 2022 निकल कर आता है अब इसमें 7 दिन और जोड़ दे तो जो डेट निकल कर आएगी वो 8 अक्टूबर2022 होगी। जी हां यही आपकी EDD (expected date of डिलीवरी) है।
EDD (expected date of delivery) जिसे लोग प्रसव नियत तिथि या डिलीवरी ड्यू डेट के नाम से जानते है। अगर आप डॉक्टर के पास जाते है तो वो आपको अल्ट्रासाउंड के लिए बोलते है जिसमे आपकी EDD डेट का पता चलता है।
अगर किसी महिला को अपनी अंतिम पीरियड्स की सही तारीख नहीं पता हो तो क्या करे?
अगर किसी गर्भवती महिला को अपनी अंतिम माहवारी यानी मासिक धर्म की सही तारीख याद नहीं आ रही है तो महिलाएं घबराए नहीं, ऐसा कई बार देखा जाता है कि महिलाएं अक्सर अपने व्यस्त जीवन में अपना मासिक धर्म की तारीख याद नहीं कर पाती हैं और वह जब प्रेग्नेंट हो जाती हैं तो उनको पीरियड की डेट की जरूरत होती है तो ऐसे में आप डॉक्टर की मदद ले सकती हैं। डॉक्टर आपसे अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव देंगे इससे आपकी ड्यू डेट निकाली जा सकती है।
डिलीवरी की ड्यू डेट बार-बार अल्ट्रासाउंड में क्यों बदलती है?
डिलीवरी की डेट निम्नलिखित परिस्थितियों में बदल सकती है जैसे कि नीचे दिखाया गया है।
जब गर्भवती महिला का वजन कम या ज्यादा होता है तो उनकी डिलीवरी दी गई डेट से पहले या बाद में भी हो सकती है। यह सब गर्भवती महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
जब गर्भवती महिला के पेट में शिशु का वजन बढ़ने लगता है या घटने लगता है तो ड्यू डेट भी अल्ट्रासाउंड में आगे पीछे हो जाती है, मतलब अगर शिशु का वजन ज्यादा है तो आप की डिलीवरी जल्दी भी हो सकती है जैसे-जैसे प्रेगनेंसी टाइम बढ़ता है अल्ट्रासाउंड में आप अपने शिशु का वजन और स्वास्थ्य चेक कर सकते हैं।
प्रेगनेंसी कैलकुलेटर क्या होता है (Pregnancy Calculator)
आजकल ऑनलाइन बहुत सारे चाइनीज़ प्रेगनेंसी कैलकुलेटर एप्लीकेशन आ गए जिनकी मदद से आप अपनी डिलीवरी की संभावित तारीख निकाल सकते है।
इसके लिए आपको चाइनीज़ प्रेगनेंसी कैलकुलेटर एप्लीकेशन में जाना होगा और कुछ जानकारी देनी होगी जैसे की आपकी अंतिम मासिक धर्म की पहले दिन की तारीख और आपकी मासिक धर्म कितने दिन का है यानी की एवरेज लेंथ ऑफ़ साइकिल जब आप ये जानकारी भर देंगे तो वो आपको आपकी एक्सपेक्टेड डिलीवरी डेट बता देंगे।
डिस्क्लेमर
हम आपको सलाह देंगे की आप गर्भावस्था में किसी भी चाइनीज़ प्रेगनेंसी कैलकुलेटर एप्लीकेशन के चक्कर में ना पड़े, बल्कि आप समय समय पर डॉक्टर की सलाह ले और किसी तरह की कोई परेशानी है तो डॉक्टर से पूछे वो आपको सही जानकारी देंगे।
प्रेगनेंसी कैलकुलेटर फॉर बेबी बॉय और गर्ल (Pregnancy calculator for baby boy or girl)
प्रेगनेंसी को लेकर गर्भवती महिला और उसके परिवार वाले बहुत उत्सुक होते है की होने वाला शिशु लड़का है या लड़की हम आपको बता दे की भारत देश में डिलीवरी से पहले शिशु का लिंग जानना कानूनी अपराध माना जाता है।
ये लीगल नहीं होता है अगर आपको और आपके परिवार वालो को शिशु का लिंग पता करना है तो आप लोग पुराने जमाने की दाई माँ के तरीके अपना सकते है। इससे सिर्फ अनुमान लगा सकते है की भ्रूण लड़का है या लड़की ये अनुमान 100% सही नहीं होता है सिर्फ अपने मन की तस्सल्ली के लिए अनुमान लगा सकते है।
आइये जानते है वो क्या अनुमान है जिससे आप लोग पता कर सकते है होने वाला शिशु बेबी बॉय है या बेबी गर्ल-
हिप्स का निकलना
अगर गर्भवती महिला का पीछे का हिस्सा यानी की हिप्स प्रेगनेंसी के टाइम में थोड़ा चौड़ा और उठा हुआ लगने लगता है तो ऐसा माना जाता है की महिला के पेट में पल रहा शिशु लड़की है और अगर गर्भवती महिला को पीछे से देखने में लगता ही नहीं है की वो प्रेगनेंट है तो ऐसा माना जाता है की पेट में पल रहा भ्रूण लड़का है।
पेट का आकार
अगर गर्भवती महिला का पेट नीचे की तरफ ज्यादा झुका हुआ है तो ऐसा माना जाता है की पेट में लड़का है और अगर पेट का आकार गोलाकार के साथ ऊपर की ज्यादा उठा हुआ लग रहा है तो पेट में पल रहा भ्रूण लड़की हो सकती है।
मसालेदार चटपटा खाने की इच्छा
अगर किसी गर्भवती महिला को तीखा और चटपटा खाने की इच्छा हो तो कहते है की गर्भ में बेटा है और अगर मीठा खाने की इच्छा हो तो गर्भ में बेटी होने के संकेत होते है।
दिल की धड़कन
गर्भवती महिला के पेट में पल रहा भ्रूण की हार्ट रेट सोनोग्राफी में एक मिनट में अगर 140 या इसके नीचे आये तो लड़का होने का संकेत होता है और अगर 140 से ज्यादा हो तो लड़की होने का संकेत दर्शाता है।
ड्यू डेट से पहले डिलीवरी का होना-
ऐसा माना जाता है की जब किसी गर्भवती महिला की दी हुई EDD डेट से पहले डिलीवरी हो तो ये बेटा होने के संकेत को दर्शाता है और EDD डेट के आस पास या उसके बाद जन्मा शिशु अधिकतर केस में बेटी के संकेत को दर्शाता है।
चेहरा खिल जाना
अगर किसी गर्भवती महिला के पेट में बेटा पल रहा होता है तो उस महिला का चेहरा थोड़ा कमज़ोर और मुरझाया हुआ दिखने लगता है। वही अगर हम देखे की गर्भ में अगर लड़की पल रही होती है तो महिला का चेहरा बहुत खिला- खिला रहता है और चेहरे में ग्लो बना रहता है।
जब किसी गर्भवती महिला के अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में जो डिलीवरी डेट (EDD) मिलती है, उससे एक महीने पहले भी डिलीवरी हो सकती है और कभी कभी 4 या 5 दिन पहले भी डिलीवरी हो सकती है और किसी किसी केस में दी गयी डिलीवरी डेट के बाद भी शिशु का जन्म होता है।
प्रेगनेंसी में ईडीडी कितना सही है?
प्रेगनेंसी में ईडीडी (EDD) का पता करना बहुत जरुरी होता है जिससे आप आने वाले शिशु के साथ गर्भवती महिला की भी सही से देख रेख कर सकते है। हम आपको बता दे की प्रेगनेंसी में सभी गर्भवती महिला को एक डेट दी जाती है जिस डेट में शिशु के जन्म होने की संभावना होती है, आमतौर में लोग जिसे ड्यू डेट या EDD (एक्सपेक्टेड डेट ऑफ़ डिलीवरी) के नाम से जानते है। यह डेट पता करनी बहुत जरुरी होती है और इसी डेट के आसपास शिशु के जन्म की संभावना होती है।
LMP और EDD का अर्थ क्या है?
LMP का अर्थ होता है लास्ट मेनुस्ट्रउल पीरियड्स, LMP की मदद से आप अपनी EDD(एक्सपेक्टेड डेट ऑफ़ डिलीवरी) निकाल सकते है। आप अपने LMP यानी की लास्ट मासिक धर्म के पहले दिन में 280 दिन जोड़ेकर 7 दिन और जोड़ दे तो आपका EDD निकल कर आ जाएगी।
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में EDD क्या है?
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में EDD का अर्थएक्सपेक्टेड डेट ऑफ़ डिलीवरी होता है। डॉक्टर ये तिथि आपको इसलिए देते है क्योकि इसी तिथि में शिशु के जन्म का अनुमान लगाया जाता है इसी तिथि के आस पास ही बच्चे का जन्म होता है।
अल्ट्रासाउंड में डिलीवरी डेट कहां लिखी होती है?
जब आप किसी गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड देखते है तो उसमे EDD (expected date of delivery) लिखा होता है, उसी को डिलीवरी डेट माना जाता है। वैसे आप अपने डॉक्टर को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखकर भी ये पता कर सकते है।