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दीपावली 2022 : दीपावली पर बच्चों के लिए निबंध-MomBaby Corner

diwali

दीपावली पर बच्चों के लिए निबंध: दीपावली भारत देश का एक बहुत बड़ा और प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे भारतवासी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं इस दिन लोग अपने घर को दीयों और झालर से सजाकर घर को जगमगा देते हैं, सब जगह खुशी का माहौल होता है दीपावली में घर के सभी सदस्य नए कपड़े पहन कर गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं पूजा करने के बाद लोग अपने घर के बाहर दियो को जलाते हैं और पटाखे और फुलझड़ी के साथ त्यौहार को बनाते हैं फिर एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए प्रसाद वितरण करते है,और खुशियों के साथ त्योहार को मनाते हैं। दीपावली को दिवाली भी बोल सकते है। 

आजकल छोटे बच्चों को भी दिवाली का महत्व बताना जरूरी है इसलिए मॉमबेबी कॉर्नर के इस आर्टिकल में हम छोटे बच्चों के लिए दिवाली पर निबंध लेकर आए हैं, जिससे बच्चों को दिवाली के बारे में डिटेल में पता चल सके

दीपावली पर निबंध हिंदी में (Hindi essay on Deepawali)

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दिवाली पर निबंध लिखने के लिए हमें पहले निबंध की एक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए जैसे कि नीचे दिखाया गया है। 

रूपरेखा 

प्रस्तावना 

दीपावली का अर्थ 

दीपावली कब मनाया जाता है 

दीपावली मानाने का कारण 

दीपावली की तैयारी 

दीपावली का वर्णन

उपसंहार 

प्रस्तावना

दीपावली पूरे भारत देश और कई देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को घी और तेल के दीयों से जगमगा देते है। हर जगह रौशनी ही रौशनी दिखाई देती है, सब लोग नए वस्त्र पहन कर अपने – अपने घरों में गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा करके, घर के बाहर दीयों को जलाकर पटाखे और फुलझड़ी जलाते हैं। इस दिन लोग सबके घरों में प्रसाद बांटते हैं और दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ इस त्यौहार को बनाते हैं।

दीपावली का अर्थ

दीपावली को लोग दिवाली भी बोलते है। दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है दीप + आवली  

दीप का मतलब दीयों यानी दीपक से है, और आवली का मतलब श्रंखला यानी पंक्ति से है। इसका अर्थ दियो की श्रंखला यानी  दीयों की पंक्ति से है। दिवाली में लोग घर के बाहर दीयों को पंक्ति से लगाते है।

दीपावली कब मनाया जाता है

दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को बनाया जाता है, अगर महीने के हिसाब से देखें तो अक्टूबर या नवंबर में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।

दीपावली मानाने का कारण

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हिंदुओं के अनुसार भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान जी के साथ 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। जब भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने पूरी अयोध्या को दीपों से सजा दिया था, हर जगह रौशनी ही रौशनी हो गयी थी। तब से इस दिन को दीपावली के त्योहार से जाना जाता है, इस दिन अँधेरे पर प्रकाश की जीत हुई थी।,

दीपावली की तैयारियां

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दीपावली की तैयारियां सब लोग महीना भर पहले से करने लगते है। दिवाली आने से पहले लोग अपने अपने घरो में लिपाई- पुताई और साफ़ -सफाई करने लग जाते है, ऐसा माना जाता है की घर जितना साफ़ सुथरा होगा तो  घर में माँ लक्ष्मी का वास होगा। जिस घर में माँ लक्ष्मी का वास होता है उस घर में  धन धान्य की कभी कमी नहीं होती है, इसलिए लोग साफ़ सफाई करते है और दिवाली के  दिन गणेश और लक्ष्मी जी की  प्रतिमा घर लाते है और पूजा करते है। लोग दिवाली पर बहुत  खरीददारी नए वस्त्र खरीदते है और घर में मिठाई बनाई जाती है पूरे घर को रौशनी से जगमगा देते है। 

दीपावली का वर्णन

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दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार होता है। दिवाली 5 दिन  तक मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। दीपावली से पहले धनतेरस आता है इस दिन बाज़ारो में बहुत भीड़ होती है, लोग धनतेरस में बहुत सी खरीददारी करते है। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है, इस दिन घर के बाहर एक दीपक जलाते है। धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली होती है, इस दिन यम पूजा होती है और दीपक जलाया जाता है।

फिर अगले दिन दीपावली का त्यौहार आता है इस दिन सुबह से ही घर में मिठाइयां और पकवान बनने लग जाते है और बाज़ारो में खील, बताशे, लइया और गट्टा मिलने लग जाते है। लोग खरीददारी के लिए निकलते है और पठाखो की दुकान थोड़ी थोड़ी दूर में लगी होती है हर जगह ख़ुशी का माहौल होता है। सब लोग शाम में नए वस्त्र पहन कर गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा करते है और घर को दीपको से सजा देते है। सारी गालियां सजी होती है सब जगह रौशनी छा जाती है और फिर दोस्तों और रिश्तेदारो में मिष्ठान वितरण करते हुए पटाखों और फुलझड़ी का आनंद लेते है। ये त्यौहार बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग भी बहुत उत्साह से मनाते है। 

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दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है जिसमे लोग अपने गायें बैलों को सजाते है और गोबर का पर्वत बनाकर उसकी पूजा करते है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन बहन अपने भैया के मस्तक पर टिका लगा कर उसके मंगल की कामना करती है। इस तरह से दीपावली 5 दिन का त्यौहार होता है। .

उपसंहार

दीपावली अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर पूरे वातावरण को प्रकाशमय बनाने का त्यौहार है दीपावली का पर्व हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, यह  त्यौहार सामाजिक और सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतिक है दीपावली के कारण आज इस समाज में सामाजिक एकता बनी हुई है

दिवाली पर निबंध की 10 लाइन्स-MomBaby Corner

  1. दिवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा और प्रमुख त्यौहार है 
  2. दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या रात को मनाया जाता है।  
  3. दीपावली को दिवाली बोलते है 
  4. दिवाली 5 दिन मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार होता है
  5. दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है- दीप + आवली.  दीप का अर्थ  दीपक से है, और आवली अर्थ श्रंखला यानी पंक्ति से है
  6. इस दिन भगवन श्री राम और उनकी पत्नी सीता जी और भाई लक्ष्मण 14 वर्ष का बनवास पूरा करके अयोध्या वापस आये थे 
  7. इसी दिन अयोध्या वासियों ने पूरी अयोध्या नगरी को घी और तेल के दीयों से जगमगा दिया था उसी दिन से ये दिवाली का पर्व मनाया जाता है 
  8. दिवाली में लोग घर की साफ सफाई और लिपाई पुताई अच्छे से करते है और दिवाली में लोग दीयों से घर को सजाते है    
  9. दिवाली के दिन नए वस्त्र  पहने जाते है  
  10. इस दिन भगवान् गणेश और लक्ष्मी जी की शाम में पूजा आराधना की जाती है, और प्रसाद खाकर पटाखे फुलझड़ी जलाते है  

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

दिवाली 2022 कब है?

दिवाली 2022 का त्यौहार को पूरे भारत देश में 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को मनाया जायेगा।

diwali 2022 date

diwali 2022 date – diwali पूरे देश में  24 अक्टूबर 2022,  दिन सोमवार को मनाई जाएगी

दीपावली का शुभ मुहूर्त कब है?

दीपावली का शुभ मुहूर्त शाम  6 बजकर  54 मिनट से रात्रि  8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा

धनतेरस कब है 2022?

धनतेरस इस वर्ष  23 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को है

धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब से है?

धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से लेकर 6 बजकर 5 मिनट तक  रहेगा

गोवर्धन पूजा कब है 2022?

गोवर्धन पूजा 25अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को है

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