बरसात के मौसम में हमारे बच्चे क्यों बीमार पढ़ते है? आइये जानते है- बरसात का मौसम आने वाला है यानी हम कहे तो मानसून 2022 आने वाला है, तो हम मम्मीज़ को बच्चो की बहुत देखभाल करनी है। बरसात में हमारे छोटे बच्चे बहुत बिमारियों की चपेट में आ जाते है। आपको पता है की मानसून यानी बरसात का मौसम जुलाई से अगस्त तक रहता है, अगर देखा जाये तो इस साल 2022 में तो मई से ही बारिश होने लगी है। हमें अपने बच्चो को बरसात के मौसम से होने वाली बिमारियों से दूर रखना है, क्योकि बच्चो की इम्युनिटी लेवल काफी कमज़ोर होता है, इसलिए बच्चे बदलते मौसम में जल्दी बीमार हो जाते है पर अगर थोड़ा ध्यान दिया जाये तो हम अपने छोटे बच्चो को इन बिमारियों से बचा सकते है और सुरक्षित रख सकते है।
तो आज MomBaby Corner के इस लेख में हम आपको बरसात के मौसम में होने वाली 5 बीमारियों के बारे में बतायेगे जो अक्सर बच्चो को बरसात में हो जाती है तो आइये देखते है इन 5 बिमारियों के कारण लक्षण और उपाय-
बरसात के मौसम में बच्चो को कौन कौन सी बीमारियां होती है- कारण लक्षण और उपाय
बरसात में कुछ ऐसी बीमारियां है जो बच्चे हो या बड़े सबको हो जाती है पर अगर थोड़ी सावधानी बरते तो हम इन बिमारियों से बच सकते है। तो आइये देखते है बरसात में होने वाली बिमारियों के नाम-
1. सर्दी खांसी
बरसात का मौसम आते ही कुछ बच्चे सर्दी खांसी की चपेट में आ जाते है। बरसात में सर्दी खांसी होना एक आम बात है, क्योकि मौसम बदलते ही बच्चो को हलकी हलकी ठंड महसूस होने लगती है इसी की वजह से बच्चो को सर्दी खांसी हो जाती है।
बरसात के मौसम में हर जगह गन्दा पानी बहने लगता है, नाली भर जाती है जिससे मच्छर आने लगते है अगर ऐसी गन्दी जगहों में बच्चा खेलता है तो उसको डेंगू होने के चान्सेस बढ़ जाते है, क्योकि डेंगू मच्छरो के काटने से फैलता है।
डेंगू के लक्षण
बुखार आना
सर दर्द
कमज़ोरी महसूस होना
आँख में दर्द
शरीर में लाल रंग के रशेज़ होना
उलटी आना
माशपेशियों और हड्डियों में दर्द होना
डेंगू से बचाव
बच्चो को मच्छरो से बचाने के लिए घर में मच्छरदानीका प्रयोग करे।
बच्चो को अगर स्ट्रोलर (baby stroller) में घुमाने ले जाते है तो उसमे आप मच्छरदानी लगाइये।
बच्चो को फुल कपडे पहना कर रखे।
3. हैजा (कॉलरा)
बरसात में बच्चे हैजा से बहुत ज्यादा ग्रसित होते है। हैजा होने का मुख्य कारण दूषित यानी गन्दा पानी या कहे तो खारा पानी है, गंदे पानी से हैजा तेजी से फैलता है। हैजा विब्रियो कॉलरा बैक्टीरिया के कारण फैलता है अगर कोई दूषित पानी या दूषित खाने का सेवन करता है तो उसको हैजा कॉलरा होने के चान्सेस बढ़ जाते है। विब्रियो कॉलरा बैक्टीरिया एक तरह का विश निकालता है जिससे आँतों की कोशिकाओं में पानी का दर बढ़ जाता है और आपको पतली पॉटी यानी दस्त आने लगते है।
हैजा के लक्षण
डायरिया यानी दस्त आना
मुँह सूखना
पेशाब कम आना
सूखी त्वचा
उलटी आना
बार बार प्यास लगना
माशपेशियों में दर्द
निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन)
पेट में दर्द होंना
हैजा से बचाव
बच्चो के आस पास सफाई का पूरा ध्यान दे।
पानी हमेशा उबारकर ठंडा करके पिलाये और पानी को बोतल में बंद करके रखे।
सब्जियों और फलो को अच्छे से साफ़ पानी से धोये।
खाना बनाते समय अपने हाथो को अच्छे से धोये।
बच्चो को हैजा का टिका लगवाए।
बर्तनो को अच्छे से धोये।
4. मलेरिया
मलेरिया बरसात के मौसम में तेजी से फैलने लगता है, मलेरिया परजीवी संक्रमण के कारण होता है। यह एनोफ़िलीज़ मादा मच्छर के काटने से फैलता है, ये रोगाणु बहुत छोटे होते है इन रोगाणु को आप सिर्फ माइक्रोस्कोप के द्वारा ही देख सकते है। ये परजीवी खून में पाया जाता है और ये खून के माध्यम से लीवर तक पहुंच जाता है और इंसान की कार्य छमता को नुक्सान पहुंचाते है।
मलेरिया के लक्षण
एनीमिया
पॉटी में खून आना
पसीना बहुत आना
पेट में इन्फेक्शन होना
बुखार आना
माशपेशियों में दर्द होना
कपकपी होना
सर दर्द
उलटी आना
मलेरिया से बचाव
अपने कमरे में मच्छर को भगाने वाले हर्बल मच्छरमार दवा का प्रयोग करे ये बाजार में आसानी से मिल जायेगा।
घर में मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करे।
बच्चो को फुल आस्तीन वाले कपडे पहनाये ।
घर की खिड़कियों और दरवाजों में जाली लगवाए जिससे मच्छर अंदर प्रवेश न कर सके।
जहा गन्दा पानी पढ़ा हो या आस पास नाली हो तो वहाँ खड़े ना हो ।
5. टाइफाइड
बरसात के आते ही टाइफाइड के केस में अधिकता आने लगती है, क्योकि बरसात के दिनों में टाइफाइड ज्यादा फैलता है। टाइफाइड संक्रमण एक साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है, जो संक्रमित भोजन या पानी में पाया जाता है इसलिए संक्रमित भोजन या पानी ऐसे खाध पदार्थो का सेवन बिलकुल भी ना करे, अगर आप किसी टाइफाइड ग्रसित व्यक्ति के आस पास रहते है तो आपको भी ये संक्रमण हो सकता है।
टाइफाइड के लक्षण
बुखार आना
उलटी आना
दस्त होना
भूख काम लगना
ठण्ड लगना
कमजोरो आना
पेट में दर्द
रेशेज होना
टाइफाइड से बचाव
बच्चो को टाइफाइड का टिका जरूर लगवाए।
बच्चो को ठंडी चीज़ो से दूर रखे।
पानी को उबालकर ठंडा करके बच्चे को पिलाये।
कच्चे फल या कच्ची सब्जी बच्चे को न खाने दे ।
अपने बच्चे के खाने को अच्छी तरह से पकाये ।
खाना खाते समय और खाना बनाते समय अपने हाथो को अच्छी तरह साबुन से धोये ।