IIVF का फुल फॉर्म - इन विट्रो फर्टिलाइजेशन  (In -Vitro -Fertilization) होता है।

आजकल लोगो का इतना व्यस्त जीवन और बदला हुआ लाइफ स्टाइल हो गया है की इन सब के कारण महिला और पुरुष इनफर्टिलिटी की समस्या का शिकार हो रहे है।

इनफर्टिलिटी की समस्या  के कारण महिला और पुरुष माँ-बाप बनने का सुख नहीं ले पाते  है।

जो दम्पति माता पिता बनने का सुख नहीं ले पा रहे है उस कंडीशन में आप IVF Treatment प्रयोग में ला सकते है । 

IVF वो ट्रीटमेंट है जिसकी सहायता से बहुत सी दम्पति माता पिता बनने का सुख पा सकते है।

IVF Treatment में महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु को लैब में निषेचित किया जाता है, अंडे और शुक्राणु की संयोजन से भ्रूण बनता है।

फिर उस भ्रूण को वापस से महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है, फिर वह भ्रूण महिला के गर्भाशय में पलता है।

IVF Treatment की आवश्यकता कब होती है? 

1. ओवुलेशन में समस्या 2. फैलोपियन ट्यूब ख़राब होना 3. स्पर्म की मात्रा कम या क्वालिटी ख़राब होना 4. एंडोमेट्रियोसिस

IVF Treatment के द्वारा गर्भावस्था के शुरूआती लक्षण 

1. माहवारी नहीं आना 2. इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग 3. स्तन में भारीपन 4. थकान होना 5. प्यास ज्यादा लगना 6. पेशाब आना

IVF Treatment के बाद की सावधानियां 

1. रिलेशनशिप सेक्स से बचे 2. नहाने से बचेअल्कोहल बिलकुल भी ना ले 3. धूम्रपान से दूर रहे 4. तनाव से दूर रहे 5. खुश रहे 6. भरी वस्तु न उठाये 7. संतुलित आहार खाये 8. व्यायाम न करे