twins newborn baby

जुड़वाँ बच्चे कैसे बनते हैं? | Judwa Bacche kaise Bante hai?

MomBaby Corner के  इस आर्टिकल में आपको बतायेगे की जुड़वाँ बच्चे कैसे बनते है? और जुड़वाँ बच्चे होने के क्या कारण होते है? और जुड़वाँ गर्भावस्था के क्या लक्षण होते है? 

आज कल सारे कपल (couple) चाहते है की उनकी दो संतान हो। और हम दो हमारे दो वाला रूल फॉलो करते है। ऐसे में आप दो बच्चो के बीच में गैपिंग करके ही दूसरा प्लान कर सकती है। पर ऐसे में अगर किसी महिला को जुड़वाँ बच्चे हो जाते है तो उनकी ख़ुशी दोगुनी हो जाती है। क्योकि एक साथ दो बच्चे मिल गए और उनका परिवार पूरा हो गया। और महिला भी बच्चा पैदा करने से फ्री हो गयी। पर जुड़वाँ बच्चे का होना सब महिलाओं के  साथ संभव नहीं  होता कुछ महिलाओं को ही जुड़वाँ बच्चे होते है। जिनके बारे हम इस आर्टिकल में हम आपको बतायेगे तो आइये देखते है जुड़वाँ बच्चे कैसे बनते है ?

twins baby sonography

जुड़वाँ  गर्भावस्था से महिला को खतरा भी हो सकता है और कई समस्याओं का सामना भी करना पढ़ सकता है। इसलिए कुछ महिलाये दो बच्चे गर्भ में रखने से डरती भी है। जुड़वाँ बच्चे कैसे बनते है? इसकी जानकारी हर एक महिला और पुरुष को होनी चाहिए।

जुड़वाँ बच्चे कैसे बनते है और जुड़वाँ बच्चो के प्रकार

जुड़वाँ बच्चे दो प्रकार से होते है जिनके बारे में हम आपको बतायेगेजयादातर एक जैसे दिखने वाले जुड़वाँ बच्चो की संख्या एक तिहाई होती है जबकि एक जैसे नहीं दिखने वाले जुड़वाँ बच्चो की संख्या दो तिहाई होती है

मोनोज़िगोटिक (Monozygotic)

monozygotic twins baby

एक जैसे दिखने वाले जुड़वाँ बच्चे को मोनोज़िगोटिक कहते है। जब एकअंडा एक शुक्राणु से निषेचित होता है और थोड़े समय के बाद यह अंडा दो भागो में विभाजित हो जाता है तो एक सामान दिखने वाले जुड़वाँ बच्चे पैदा होते है। जिनका चेहरा सामान होता है। ये जुड़वाँ बच्चे दोनों लड़के या तो दोनों लड़किया होती है। इन बच्चो की अनुवांशिक संरचना सामान तरह की होती है।  

डिज़िगोटिक (Dizygotic)

dizygotic twins baby

अलग अलग दिखने वाले जुड़वाँ बच्चे को डिज़िगोटिक कहते है। महिला के गर्भाशय में जब दो अलग-अलग अंडे निषेचित होते हैं तो दो जुड़वा बच्चे बनते हैं। इनका चेहरा  भी अलग-अलग होता है और यह जुड़वा बच्चों में एक लड़का या एक लड़की होने की संभावना होती है। 

जुड़वाँ बच्चे होने के क्या कारण हो सकते है ?

जुड़वाँ बच्चे होने के कई कारण हो सकते है। ये जरुरी नहीं है की ये सिर्फ महिला के शरीर की वजह से होता है इसमें पुरुष के के शुक्राणु द्वारा भी जुड़वाँ बच्चे हो सकते है। जुड़वाँ बच्चे होने के कारण महिला और पुरुष  दोनों की भागीदारी होती है।

महिला की उम्र

अगर कोई महिला ३५ वर्ष में प्रेगनेंसी प्लान करती है तो इस समय जुड़वाँ बच्चो की संभावना ज्यादा होती है। क्योकि  ३५ वर्ष में महिलाओं में फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हारमोंस (follicle stimulating hormones) ज्यादा बनने लगता है। इस हार्मोन के जरिए अंडाशय से अंडे निकलने लगते हैं इसलिए संभावना जुड़वाँ बच्चों की हो जाती है।

अनुवांशिक कारण

अगर आपके परिवार में कोई जुड़वाँ बच्चों का इतिहास रहा है, जैसे कि आपके पिताजी जुड़वाँ भाई हो या आपकी माताजी जुड़वाँ बहने हो या घर में कोई जुड़वाँ संतान हो तो आपको भी जुड़वाँ बच्चे  होने की संभावना बढ़ सकती है।

वजन और लम्बाई का ज्यादा होना

महिला का वजन और लंबाई ज्यादा होती है तो उनके जुड़वा बच्चे होने की संभावनाएं ज्यादा होती है। जबकि पतली लड़कियां और कम  वजन वाली महिला में जुड़वाँ बच्चों की संभावना कम होती है। ऐसा माना  जाता है की जो महिलाएं अच्छा और healthy  खाना खाती हैं उनकी भी जुड़वा बच्चों की संभावना ज्यादा होती है।  

नस्ल

कुछ नस्लीय समूह जैसे की नाइजिरिआ इनमे जुड़वाँ बच्चो के होने की संभावना ज्यादा होती है।   वही पर जापान ऐसे देशो में जुड़वाँ बच्चो की होने की संभावना सबसे कम होती है।  

जुड़वाँ बच्चे होने के क्या लक्षण होते है ?

HCG का स्तर बढ़ना

गर्भावस्था में अगर महिला में HCG  का स्तर में अधिकता पायी जाती है तो ये जुड़वाँ बच्चे होने के संकेत हो सकते है। पर HCG के स्तर में बढ़ोतरी को कोई पूर्ण रूप से जुड़वाँ बच्चो के होने का संकेत नहीं माना जा सकता है। इसलिए डॉक्टर जुड़वाँ बच्चे होने की सही पुष्टि के लिए और भी टेस्ट लिखते है।

उलटी आना

अगर महिलाओं को गर्भावस्था में बहुत उलटी के साथ चक्कर और थकान सी महसूस होती है तो अनुमान लगाया जाता है की जुड़वाँ बच्चे हो सकते है। इसे भी हम कोई पूर्ण रूप से जुड़वाँ बच्चो के होने का संकेत नहीं मान सकते है। उलटी आना गर्भावस्था में एक आम बात है। ज़्यदातर महिलाओं को गर्भावस्था में उलटी की समस्या रहती है।

भ्रूण का समय से पहले हलचल

अगर महिला  में  गर्भावस्था के समय में बच्चे की हलचल पेट में समय से पहले पता चलने लगती है तो अनुमान लगाया जाता है की जुड़वाँ बच्चे हो सकते है। पर सारे लक्षण में हम सिर्फ अनुमान ही लगा सकते है। आपको सही तभी पता चलेगा जब आप डॉक्टर के द्वारा दिए गए टेस्ट से पता करते है।

पेट का आकार बड़ा दिखना

जब कोई महिला का  पेट प्रेगनेंसी के समय में बहुत निकला होता है तो ऐसा अनुमान लगाया जाता है की उसको जुड़वाँ बच्चे हो सकते है। क्योकि जब पेट में दो बच्चे होते है तो पेट का आकार काफी बड़ा दिखने लगता है।

जुड़वाँ बच्चे से महिला को गर्भावस्था में क्या खतरा हो सकता है

जुड़वाँ बच्चे से  गर्भावस्था में महिला को कुछ खतरे हो सकते है। जिसके बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे है कृपया आप इसे अच्छे से  देखे और जानकारी ले और कोई लापरवाही न करे तो आइये जाने।

समय से पहले प्रसव

जिन महिला के गर्भ में जुड़वाँ बच्चे है उनकी समय से पहले प्रसव यानी की समय से पहले ही डिलीवरी होने की आशंका होती है। जिसे लोग प्रीमैच्योर डिलीवरी बोलते है इसमें बच्चो का विकास सही से नहीं हो पाता है।

उच्च रक्तचाप

रक्त का दबाव या प्रवाह एक निश्चित सीमा को पार कर दे तो ऐसे में शरीर में उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन की समस्या हो जाती है। जब महिला के जुड़वाँ बच्चे गर्भ में होते है तो उच्च रक्तचाप हो जाता है जैसे की high ब्लड प्रेशर हो जाता है। जिससे महिला और महिला के जुड़वाँ बच्चे दोनों को ही खतरा हो सकता है ऐसे समय में खुश रहने की कोशिश करे। 

गर्भपात (Miscarriage)

जुड़वाँ गर्भावस्था में गर्भपात का बहुत खतरा होता है क्योकि पेट में दो बच्चे पल रहे होते है। इसलिए जुड़वाँ गर्भावस्था वाली महिला को इस दौरान किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं करनी है।

एनीमिया

जुड़वाँ गर्भावस्था में महिला को खून की कमी हो सकती है वैसे जुड़वाँ गर्भावस्था में एनीमिया यानी खून की कमी होना एक आम बात है।

डायबिटीज

जुड़वाँ बच्चे वाली महिला को डायबिटीज की समस्या आ सकती है इसलिए डॉक्टर की सलाह ले और डॉक्टर जो बोले वही खाये पिए।

जन्मजात बीमारी

जुड़वाँ बच्चो में जन्म दोष यानी की जन्मजात बीमारी की समस्या आ सकती है बच्चों में तंत्रिका नली में दोष हो सकता है।

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