hcg harmones detect

HCG हार्मोन्स क्या होता है? | HCG Hormones kya hota hai?

HCG हार्मोन्स का मतलब ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin) होता है इसको प्रेगनेंसी हार्मोन्स भी  बोलते हैं जब महिला प्रेगनेंट होती है तो महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोन्स बनने लगते हैं इसमें एक HCG हार्मोन्स भी होता है निषेचन की प्रक्रिया के बाद अंडा धीरे-धीरे फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय यानी यूट्रेस (uterus) में जाने लगता है और फिर ये अन्य कोशिकाओं में विभाजित हो जाती है। यह कोशिकाएं गेंद का आकार ले लेती है जिसे ब्लास्टोसिस्ट (blastocyst) कहते है।  ब्लास्टोसिस्ट (blastocyst) सिर्फ 2 से 3 दिन तक गर्भाशय में रहती है अगर यह गर्भाशय की दीवार में चिपक जाए तो इसे प्रत्यारोपण (Implantation) कहते हैं। फिर इस टाइम से गर्भावस्था की शुरुआत होती है।

प्रत्यारोपण (Implantation) के बारे में हमने अपने एक आर्टिकल में बताया हुआ है इसकी अधिक जानकारी के लिए आप हमारा ये आर्टिकल प्रेगनेंसी कैसे होती है-पूरी जानकारी भी देखे

pregnant women

HCG हार्मोन्स का स्तर

गर्भावस्था के समय से ही महिला के शरीर में HCG हार्मोन्स बनने लगता है इसी हार्मोन के होने से महिला की प्रेगनेंसी का पता चलता है HCG हार्मोन्स  गर्भावस्था के समय महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के द्वारा उत्पन्न होता है  जब महिला प्रेग्नेंट होती है तो एचसीजी हार्मोन उच्च मात्रा में पाया जाता है महिला जब गर्भ धारण कर लेती है तो 11 दिन के बाद रक्त Blood  के परीक्षण में और 12 से 14 दिनों बाद यूरिन  परीक्षण के द्वारा इसका पता लगाया जा सकता हैहर 72 घंटों में एचसीजी का स्तर दोगुना हो जाता है

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों जैसे 8 से 11 हफ्तों में हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा होता है फिर धीरे-धीरे इसमें  गिरावट आने लगती है  जब प्रेगनेंसी 2 महीने की हो जाती है तो HCG हार्मोन्स का लेवल 120-130 IU/ml होता है  और जब  प्रेगनेंसी 4 महीने की हो जाती है तो HCG हार्मोन्स का लेवल धीरे धीरे कम होने लगता है प्रेगनेंसी 4 महीने की हो  तो HCG हार्मोन्स का लेवल 10-30 IU / ml हो जाता है सबसे उच्च मात्रा में HCG हार्मोन्स लेवल रक्त और यूरिन में 100-200 IU / ml होता है  HCG हार्मोन्स के एब्सेंस और प्रजेंस (absence aur Presence) से ही प्रेगनेंसी का पता चलता है

HCG हार्मोन्स का कार्य - Function of HCG हार्मोन्स

  1. HCG हार्मोन्स कार्पस ल्यूटियम (corpus luteum) की मदद से प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन्स  बनाता है जो 10 से 12 हफ्तों की प्रेगनेंसी को सुरक्षित रखता है। जब तक प्लेसेंटा (Placenta) अपना कार्य पूरी तरीके से नहीं करता है तब तक प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन भ्रूण को और गर्भवती महिला के इम्मूयन सिस्टम (immune system) को मजबूत करता है। जब प्लेसेंटा अपना कार्य शुरू कर देता है तो कार्पस ल्यूटियम (corpus luteum)  नष्ट हो जाता है।
  2. HCG हार्मोन्स  प्रेगनेंसी की सही जांच के लिए के लिए काम में आता है इसको महिला  के यूरिन और रक्त (Blood) परीक्षण  से पता किया जाता है।
blood sample for pregnancy

                                  HCG हार्मोन्’⇒Excrete

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                                           Placenta 

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                                  5 Types of Hormones

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                    HCG (Human Chorionic Gonadotropin)

                         HPL (Human placental lactogen)

                                          Estrogens

                                      Progestogens

                                           Relaxin

गर्भवती महिला के रक्त में HCG हार्मोन्स का स्तर

गैर-गर्भवती महिलाएं      

10 यू / एल से कम

बॉर्डरलाइन प्रेगनेंसी रिजल्ट

10 से 25 यू / एल

पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट

25 से अधिक यू / एल

पीरियड्स न आने के एक सप्ताह के बाद     

0 से 750 यू / एल

पीरियड्स न आने के एक सप्ताह से लेकर पांच सप्ताह के बाद

200 से 7,000 यू / एल

पीरियड्स न आने के छह सप्ताह के बाद

200 से 32,000 यू / एल

पीरियड्स न आने के सात  सप्ताह के बाद

3,000 से 160,000 यू / एल

पीरियड्स न आने के 8 se 12 सप्ताह के बाद

32,000 से 210,000 यू / एल

पीरियड्स न आने के 13 se 16 सप्ताह के बाद

9,000 से 210,000 यू / एल

पीरियड्स न आने के 16 se 29 सप्ताह के बाद

1,400 से 53,000 यू / एल

गर्भवती महिलाओं, एलएमपी के लगभग 29 से 41 सप्ताह बाद

940 से 60,000 यू / एल

HCG लेवल की मात्रा आपकी प्रेगनेंसी और आपके शिशु के स्वस्थ्य के बारे में कई संकेत देता है

  • अगर आपके शरीर में HCG की मात्रा अधिक पाई जाती है तो यह आपके कई गर्भधारण का संकेत देता है कहने का मतलब है कि जुड़वा या ट्रिपल बच्चों का संकेत देता है 
  • गर्भपात (Miscarriage) का खतरा भी बढ़ता है  
  • बच्चे के विकास में कई तरह की समस्याएं आती हैं  
  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या अस्थानिक गर्भावस्था -जब निषेचित अंडा गर्भाशय में जाने की बजाय फैलोपियन ट्यूब में  चला या फ़स जाता है तो इसको एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या अस्थानिक गर्भावस्था कहते है 
  • स्त्रियो में कुछ प्रकार के कैंसर सहित अंडाशय या गर्भाशय में असामान्य ऊतक बढ़ना। ये महिलाएं इस दौरान गर्भवती नहीं होती है

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