जब निषेचित अंडा गर्भशय की जगह फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है या फंस जाता है तो इसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी को अस्थानिक प्रेगनेंसी भी कहा जाता है।
एक निषेचित अंडा सिर्फ गर्भाशय में ही विकसित हो सकता है ,कही और चला जाये तो अंडा विकसित नहीं हो सकता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने के संकेत
1. हलकी ब्लीडिंग और पेल्विक एरिया में दर्द 2. पेट का ख़राब होना और उलटी आना 3. पेट में ऐठन सी होना 4. शरीर में किसी एक हिस्से की ओर दर्द होना 5. कमज़ोरी या चक्कर आना 6. कंधे, गर्दन या गुदा में दर्द
एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने के क्या कारण होते है
1. फैलोपियन ट्यूब में सूजन 2. हार्मोन असंतुलन 3. 35 साल के बाद प्रेगनेंसी होना 4. फर्टिलिटी दवाओं का सेवन या आईवीएफ 4. पेल्विक सर्जरी के कारण स्कार टिश्यू बनना 5. किसी वजह से ट्यूब का क्षतिग्रस्त होना
एक्टोपिक प्रेगनेंसी पीरियड्स ना आने के 7 या 14 दिन के बाद ही पता चल पाती है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बारे में शुरूआती दिनों में पता नहीं चल पाता है। इसके बारे में अल्ट्रासाउंड से ही साफ़ पाता चल पाता है।
फिर सर्जरी या किसी दवा की मदद से अंडे को बाहर निकाला जाता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी में सर्जरी के कितने दिन बाद गर्भधारण करने का सोच सकते है ?
6 महीने का गैप लेकर आप फिर से प्रेगनेंसी प्लान कर सकते है, पर आपको डॉक्टर की सलाह लेनी अनिवार्य है।
क्या एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने के बाद महिला दोबारा माँ बन सकती है
शरीर में दो फैलोपियन ट्यूब होती है अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी के दौरान फॉलोपियन ट्यूब ख़राब हो जाती है तो महिला दूसरी फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से माँ बन सकती है।