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आज हम इस आर्टिकल में आपको ऐसे 10 उपयोगी पेरेंटिंग टिप्स बतायेगे जिससे आपके बच्चे का बेहतर भविष्य बनेगा। किसी के लिए माता पिता बनना एक बहुत अनमोल पल है। आज कल के लोग अपने बच्चे के पालन पोषण को बहुत प्राथमिकता देते है। और देना भी चाहिए क्योकि आपका बच्चा ही आपकी की सारी पूंजी है। माता -पिता आजकल अपने बच्चे को बिलकुल परफेक्ट (perfect) बनाना चाहते है। पर हमें एक बात याद रखना चाहिए की कोई भी माता -पिता या बच्चा परफेक्ट नहीं हो सकता है। बच्चो के पालन पोषण के साथ साथ आपको कुछ बातो का ध्यान रखना चाहिए जैसे की बच्चा क्या चाहता है? क्या सोचता है?
MomBaby Corner के इस लेख में हम आपको अपने बच्चे की सही देखभाल के साथ-साथ 10 उपयोगी पेरेंटिंग टिप्स बतायेगे। जिससे आपके बच्चे को अच्छी परवरिश मिल सके और आप और आपके बच्चे में आपका प्यार बना रहे तो आइये जानते है।
10 उपयोगी पेरेंटिंग टिप्स नए माता पिता के लिए-Parenting tips for new parents
माता पिता अपनी संतान को बहुत प्यार करते है और सारी बाते मानते है। पर आपको घर पर कुछ नियम भी बनाने चाहिए जिससे बच्चा सबकी इज्जत के साथ साथ डिसिप्लिन सीख सके। इसलिए हम उन नए माता पिता को कुछ 10 उपयोगी पेरेंटिंग टिप्स बतायेगे जिससे उनको अपने बच्चे के पालन पोषण में शायद कुछ मदद मिल सके।
बच्चो को कभी भी दूसरो के सामने ना डाटें
हमने अक्सर देखा है की कुछ माता -पिता अपने बच्चे की गलती पर उनको सबके सामने डाँट या तो मार देते है, पर ऐसा करना बिलकुल गलत बात है। माँ बाप हमेशा बच्चे का भला चाहते है और जब वो डाँट या मार रहे होते है तो उनको ये समझ नहीं आता है की वो दूसरो के सामने डाँट या मार रहे है। उनको सिर्फ अपने बच्चे की गलती दिखी और डाँट दिया। आपको यहाँ पर एक बात का ध्यान रखना है की बच्चे को सबके सामने प्यार से समझा दे। फिर आप बाद में बच्चे को अच्छे से बात करके समझा सकते है की वो ऐसा न करे।
अगर आप अपने बच्चे को किसी के सामने डाँटेगे या मारेंगे तो बच्चे के दिमाग में इस हरकत का गलत असर पड़ेगा। ऐसे वो आपको उल्टा जवाब भी देने लगेगा और चिढ़चिढ़ा स्वभाव का हो जायेगा। हमे अपने बच्चे की respect का भी ख्याल रखना चाहिए आप अपने बच्चे की तारीफ करिये सबके सामने इससे बच्चा आपकी इज्जत और करेगा और बच्चे का दिमागी विकास अच्छे से हो पायेगा।
बच्चे के साथ दोस्त बनकर रहे
जब बच्चा ३ साल का हो जाए तो हमे अपने बच्चे के साथ दोस्त की तरह ही रहना चाहिए। जिससे बच्चा आपसे सारी बाते खुलकर बता सके। अगर हम अपने बच्चे के साथ rude या सख्ती से पेश आएंगे तो वो आपको कभी भी कोई बात नहीं बताएगा। जरुरी है की आप उन्हें समझाए की कोई भी सही या गलत बात हो जाए पर माता -पिता को बताना जरुरी है। ऐसे में जब बच्चे के साथ कुछ गलत होगा तो वो सबसे पहले आपको ही बताएगा। जब बच्चा आपको अपना दोस्त समझ लेगा वो कभी भी आपसे कोई गलत बात नहीं छुपाएगा। इससे आपको बच्चो से जुडी कई मुश्किलों का हल मिल जायेगा और आपके घर का एक खुशहाल वातावरण बनेगा।
बच्चो के रोल मॉडल बने
बच्चो के लिए एक अच्छा रोल मॉडल सेट करे। आप अपने बच्चे को जैसा बनाना चाहते है आप उसके सामने वैसा ही व्यवहार करे। क्योकि ये बात सभी जानते है की बच्चा सबको कॉपी करता है। जो वो घर में देखता है बच्चा वैसा ही करना चाहता है। बच्चे के सामने हमेशा अच्छा व्यवहार करे क्योकि बच्चा हमेशा अपने माँ बाप को ही अपना रोल मॉडल बनाता है। बच्चे के सामने हमेशा आदर सम्मान जैसे अच्छे- अच्छे उदहारण प्रस्तुत करे। बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के लिए कुछ कार्य करे लोगो की मदद करे। ताकि बच्चा आपकी ऐसी अच्छी आदतों को ग्रहण करे आपको भी अच्छा महसूस होगा।
घर में कुछ नियम सेट करे
आपको अपने घर में कुछ नियम अनुशासन रखना होगा। अनुशासन से बच्चो में आत्म नियंत्रण की भावना विकसित होती है। सभी पेरेंट्स को अपने घर में कुछ नियम, कानून बनाने चाहिए जैसे की जब तक होम वर्क पूरा नहीं होगा तब तक बच्चे को टेलीविज़न या खेलने नहीं जाने को मिलेगा। और आपस में बातचीत का तारीका भी सही रखना होगा। इस तरह से जो आपको ठीक लगता है कुछ नियम बना लीजिये, इस तरह के नियम आपके बच्चे को अनुशासित करते है जिससे बच्चा जीवन में डिसिप्लिन (Discipline) सीख जाता है और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करते है।
सही काम की प्रशंशा करे
माता पिता को ये बहुत जरुरी है की वो अपने बच्चो की सही कामो में प्रशंशा करे और गलतियों को किनारे करे। जब बच्चा कुछ सीख रहा होता है तो कुछ गलतियां भी करता है। इसलिए बच्चे को डांटिए नहीं बल्कि प्यार से समझाइये और उसको प्रोत्साहित करिये की वो कर सकता है। और प्रशंशा करके उसकी प्रेरणा यानी Motivation को बढ़ाइए। इससे बच्चे को आपके प्रति विशवास पैदा होगा और कोई भी गलती होने पर वो आपसे छुपाएगा नहीं बल्कि एक दोस्त की तरह तुरंत आकर पहले आपको बताएगा। जिससे आपको भी अच्छा लगेगा।
बच्चे के लिए समय निकाले
बच्चो के लिए माता -पिता दोनों को अपने व्यस्त कार्यक्रम (busy schedule) में से अलग से समय निकालना चाहिए। और उनके साथ खेलना या बाते करना चाहिए इससे बच्चे और आपके बीच में healthy communication रहेगा और वो आपसे हर एक बात बताएगा। आप बच्चे से पूछों की पूरे दिन बच्चे ने स्कूल में क्या सीखा और क्या क्या किया? आपको बताने के लिए बच्चा बहुत उत्सुक होगा। उसको लगेगा उसके माता पिता उसकी बात बहुत अच्छे से सुनते है जिससे पेरेंट्स और बच्चो के बीच में एक अच्छा बांड bond बना रहेगा।
बच्चों को प्रोत्साहन दे
बच्चो की प्रतिभा को खोजे और देखे की उसको क्या पसंद है? और वो किस क्षेत्र में जाना चाहता है। जैसे की बच्चे को कंप्यूटर के क्षेत्र में या डॉक्टर बनना चाहता है इत्यादि। आप आगे बढ़ने में उसका साथ दे और प्रोत्साहित करे की वो अच्छा कर सकता है। जब आप उसका साथ देंगे तो बच्चे के अंदर आगे बढ़ने का जज्बा बढ़ेगा।
बच्चों की सेहत पर ध्यान दें
जब आपका बच्चा बीमार हो या बच्चे के सेहत ख़राब हो तो, माता पिता को यह जरुरी है की आप उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाए, और आप दफ्तर से छुट्टी भी ले। क्योकि ऐसे समय में बच्चे को अपने माँ बाप के अलावा कोई नहीं चाहिए होता। अपना सारा काम छोड़ कर सिर्फ अपने बच्चे में ध्यान दे। इससे बच्चे को लगेगा की आप उसकी बहुत परवाह करते है और वो आप लोगो से दोगुना प्यार के साथ बहुत इज्जत देगा। इसलिए बच्चे का स्वस्थ्य सम्बन्धी चीज़ो को नज़रअंदाज़ बिलकुल न करे। बच्चे की सेहत और वजन बढ़ाने के बारे में अधिक जानने के लिए click here.
अपने बच्चे की तुलना किसी और बच्चे से ना करे
माता- पिता को ये जरुरी है की वो अपने बच्चे को कभी किसी और दूसरे बच्चे से तुलना ना करे। क्योकि हर बच्चा अलग होता है सब बच्चो में कोई ना कोई खाशियत जरूर होती है। बस माता पिता को साथ देना चाहिए नाकि किसी दूसरे बच्चे से तुलना करे। अगर आप अपने बच्चे का साथ देंगे तो वो अपनी खाशियत आपके सामने ला पायेगा।
बच्चो की शिक्षा पर ध्यान दे
माता -पिता अपने बच्चो की शिक्षा में कोई कमी ना करे। क्योकि अपने देश का भविष्य बच्चों पर निर्भर होता है। कहते है की आज के बच्चे आने वाले कल के नागरिक होते हैं जो समाज को नई दिशा दे सकते है। इसलिए उनकी पढाई में कोई कमी ना करे शायद उनके अंदर कोई ऐसी खाशियत हो जो आप निखार पाए।