PCOS समस्या अंडाशय से जुडी होती है। जिसमे महिला को गर्भधारण में दिक्कत आती है और पीरियड्स में भी समस्या बनती है। अक्सर महिलाये पीसीओएस के बारे में ज्यादा नहीं जानती है बल्कि हर एक महिला को पीसीओडी और पीसीओएस के बारे में पता होना चाहिए। जिससे महिला अपनी देखभाल कर सके और अपना रहन सहन से लेकर खान पान में बदलाव लाये तो शायद कुछ हद तक पीसीओएस की समस्या को ठीक किया जा सकता है। आजकल ये PCOD और PCOS की समस्या काफी बढ़ गयी है। 5 में से 1 महिला जरूर आपको PCOS की मिल जाएगी। अब जानना है की PCOS क्या है?
PCOS क्या है?
महिलाये पीसीओडी और पीसीओएस को लेकर बहुत ज्यादा कंफ्यूज रहती है। MomBaby Corner में हम आपको बतायेगे की पीसीओडी और पीसीओएस में क्या अंतर है? पहले PCOS बारे में डिटेल में जानते है PCOS क्या है? क्या लक्षण है? और क्या उपाय है?
हमने अपने पिछले आर्टिकल में PCOD के बारे में डिटेल में बताया है PCOD की अधिक जानकारी के लिए PCOD क्या है ?
PCOS एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर Metabolic Disorder है। इसमें ओवरी ज्यादा मात्रा में पुरुष हार्मोन्स निकालने लगती है और अधिक फॉलिक्युलर सिस्टम बनने लगते है जो ओवरी के चारो तरफ जमा हो जाते है और समय में ओवुलेशन यानी अंडे नहीं बन पाते है इसमें अंडे बनने बंद हो जाते है। ओव्यूलेशन की प्रक्रिया नहीं होने से पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में गर्भधारण करने की संभावना कम हो जाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है की पीसीओएस का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है लेकिन महिला अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव और खानपान में बदलाव लाकर और सही इलाज की मदद से पीसीओएस काफी हद तक कम किया जा सकता है। ऐसा नहीं होता है की पीसीओएस से ग्रसित महिलाएं कभी मां नहीं बन सकती हैं। बल्कि सही इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर पीसीओएस से ग्रसित महिलायें भी गर्भवती हो सकती हैं।
PCOD और PCOS मे बहुत अंतर है
आजकल लोग सोचते है की PCOD और PCOS एक ही है। बहुत कम लोगो को इसकी जानकारी है हम आपको बतायेगे की पीसीओडी और पीसीओएस में बहुत अंतर है। ये एक नहीं होते है तो आइये जानते है इसमें क्या क्या अंतर है।
PCOS एक गंभीर स्थिति है
PCOD को हम कोई बीमारी नहीं बोल सकते जबकि PCOS एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है।
PCOS का इलाज डॉक्टर के पास
PCOD में आप अपना लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव लाकर और योगा, मैडिटेशन जैसे चीज़ो को करके आप पीसीओडी से छुटकारा पा सकते है। पीसीओएस में आपको डॉक्टर की सलाह लेने की आवश्यकता होती है क्योकि ये एक मेटाबोलिक डिऑर्डर है।
PCOS से ग्रसित भारत में हर 5 में से 1 महिला
आजकल पीसीओडी होना एक आम सी हो गयी है। हर 10 में से 5 महिला को यह स्थिति होती है। पीसीओएस से परेशान महिला पीसीओडी के मुकाबले कम पायी जाती है
पीसीओएस में गर्भधारण की समस्या
पीसीओडी से ग्रसित महिला को गर्भधारण करने में ज्यादा समस्या नहीं आती है। वो अपना लाइफस्टाइल बदल कर माँ बनने का सुख ले सकती है। वही पर पीसीओएस के केस में आपको गर्भधारण की समस्या आ सकती है क्योकि पीसीओएस के केस में ओवरी अंडे रिलीज़ नहीं करती है जिससे आपको डॉक्टर से परामर्श करना पड़ता है।
PCOS के लक्षण
अधिकांश महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के बारे में पता ही नहीं रहता है। जब तक पता चलता है बहुत लेट हो चुका होता है। शुरूआती समय पर पता ना चलने की वजह से ही यह समस्या काफी बढ़ जाती है। PCOS के शुरूआती लक्षणों से आप इसे पहचान सकते हैं। PCOS में आपको बहुत सारे तरह तरह के लक्षण दिखेंगे कुछ PCOD जैसे ही लक्षण दिख सकते है और कुछ अलग होंगे। आपको अगर इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह ले।
अनियमित पीरियड्स
पीसीओएस में महिलाये सबसे ज्यादा अनियमित पीरियड्स से परेशान रहती है। इनका पूरा मासिक चक्र बिगड़ जाता है या कभी समय से पीरियड्स नहीं आते। अगर माहवारी की समस्या 6 महीने से ऊपर हो गयी है ठीक नहीं हो रही तो आप इसे अनदेखा बिलकुल भी ना करे तुरंत डॉक्टर से सलाह करे नहीं तो गर्भधारण में समस्या आ सकती है।
चेहरे या शरीर पर बाल आना
पीसीओएस से ग्रसित महिला के चेहरे या शरीर के किसी हिस्से में बाल निकलने लगते हैं। क्योकि इसमें पुरुष हार्मोन्स की मात्रा बढ़ जाती है जिसकी वजह से ये अनचाहे बाल आने लगते है।
मोटापा बढ़ना
पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं का वजन या मोटापा बढ़ने लगता है। सही से ध्यान ना देने पर आप मोटापे की शिकार हो सकती हैं। ज्यादा मोटापा आपको गर्भधारण करने में बहुत दिक्कत करेगा इसलिए बढ़ते वजन को अनदेखा ना करें तुरंत डॉक्टर से सलाह ले।
बाँझपन
ये अंडाशय से जुडी समस्या होती है। पीसीओएस से ग्रसित महिलाये कभी कभी माँ नहीं बन पाती क्योकि समय में ओवुलेशन यानी अंडे नहीं बन पाते है, इसमें अंडे बनने बंद हो जाते है इसलिए महिला माँ बनने का सुख नहीं ले पाती।
सही से नींद ना आना
इसमें आपको नींद नहीं आती अगर नींद आ भी गयी फिर उठने के बाद भी आपको थकान सी महसूस होगी। जब भी आप सोकर उठेंगे फिर भी आप थका हुआ ही महसूस करेंगे, हो सकता है ये किसी और बीमारी के लक्षण हो लेकिन अगर आपको ऐसा कुछ है तो आप डॉक्टर से सलह ले।
सिरदर्द
पीसीओएस में कुछ महिलाओं को हार्मोन असुंतलन की वजह से सिरदर्द की समस्या भी हो सकता है।
तनाव
इसमें समस्या में महिलाये डिप्रेशन में आ जाती है। इसलिए आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी है जिससे डिप्रेशन काफी हद तक ठीक हो सके।
PCOS से बचने का क्या उपाय है?
PCOS की समस्या का सही समय में पता चल जाए तो आप अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके या खान पान में बदलाव लाकर योग एक्सरसाइज करके इसे ठीक किया जा सकता है। आप अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त और फाइबर वाला आहार शामिल करे। अगर बहुत देर में आपको पता चलेगा तो आपको डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। जिसमे डॉक्टर आपको कुछ जाँच के लिए बोलेगे जो आपका कराना होगा। कुछ PCOS के केस में तो महिला माँ भी नहीं बन पाती है इसलिए PCOS के लक्षणों को अनदेखा न करे और शुरूआती समय में ही डॉक्टर से मिले।