PCOD -Polycystic Ovarian Disease पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज एक हार्मोनल समस्या है। इसमें समय से पहले अंडे रिलीज़ होने लगते है जो सिस्ट यानी गांठ का रूप ले लेती है। इस सिस्ट में बहुत सारे छोटे छोटे अंडे होते है जो सही समय पर रिलीज़ नहीं हो पाते है, ऐसा इसलिए होता है क्योकि महिला के शरीर में में पुरुष हार्मोन्स ज्यादा बनने लगते है। महिलाओं का बदला हुआ लाइफस्टाइल PCOD का मुख्य कारण हैं। इसमें ओवरी नार्मल साइज से दो या तीन गुना ज्यादा बड़ी हो जाती है। जिससे फर्टिलिटी में समस्या आ जाती है। प्रेगनेंसी कैसे होती है? इसकी अधिक जानकारी के लिए आप हमारा ये आर्टिकल भी देखे प्रेगनेंसी कैसे होती है? पूरी जानकारी
अगर देखा जाये तो 10 में से 5 लड़किया आजकल पीसीओडी की समस्या से पीड़ित होती है। अधिकांश लड़कियों को ये पीसीओडी के बारे पता भी नहीं होता है। पीसीओडी होने से गर्भधारण करने में समस्या आ सकती है। पर इसका इलाज है आप महिलाओं को अपनी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करने पड़ेगे।
PCOD होने के क्या कारण होता है?
वैसे तो PCOD होने का सही कारण आज तक पता नहीं चल पाया है। पर हम एक बात कह सकते है की महिलाओं का बदला हुआ लाइफस्टाइल PCOD का मुख्य कारण हैं।
कुछ बाते है जो महिलाओं को लेकर सामने आती है वो हम आपको बताना चाहेंगे। आजकल की महिलाये दफ्तर जाती है साथ में घर और घरवालों का पूरा ध्यान रखती है ऐसे में महिलाओं के ऊपर बहुत काम हो जाता है। महिलाये अपने खानपान में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती जिससे वो तनाव में रहती है। और इन सब की वजह से महिला का जीवन चक्र ही बदल जाता है। देर से सोना देर से जगना बहुत सा रूटीन बदल जाता है। जिससे महिला के हार्मोन्स में बदलाव आने लगता है। इसमें सुधार की बहुत जरुरत है नहीं तो आपको PCOD की समस्या हो सकती है। आइये थोड़ा डिटेल में PCOD के बारे में जानते है।
पुरुष हार्मोन्स का ज्यादा बनना
आजकल की महिलाये पुरुषो के बराबर काम करती है। हर जगह महिला का योगदान बहुत पाया जाता है। पर कई जगह देखा जा रहा है महिलाये सिगरेट पीती है शराब पीती है जिसकी वजह से महिला के शरीर में एंड्रोजेन नामक हार्मोन्स की मात्रा बहुत बढ़ने लगती है। एंड्रोजेन नामक हार्मोन्स पुरुष के शरीर में पाया जाता है।गर्भधारण के लिए महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन्स का एक अच्छा स्तर होना चाहिए।अगर ये हार्मोन्स की मात्रा कम बनेगी तो महिला को गर्भधारण में समस्या आने लगती है। PCOD के समय ये दोनों हार्मोन्स महिला के शरीर में कम बनने लगते है जिससे महिला गर्भधारण में दिक्कत आने लगती है।
देर से सोना देर से उठना
आज कल के समय में महिलाये देर रात तक काम करती है और दिन में देर तक सोती है। देर से सोना और देर से जगना आजकल तो आम बात हो गई है। ऐसा करने से शरीर में हार्मोन असंतुलित होता है।
बदला हुआ लाइफस्टाइल
आजकल का लाइफस्टाइल पुराने जमाने से काफी अलग है। लोग सिर्फ तला भूना पसंद करते है और कभी भी खुली हवा नहीं लेते दिन भर अपने ऑफिस के काम में व्यस्त रहते है। AC(air condition) में रहते है। खान पान से लेकर रहन सहन में बहुत बदलाव आ गया है। जिससे तनाव भरी जिंदगी हो गयी है एक्सपर्ट्स का मानना है की बदला हुआ लाइफस्टाइल PCOD का एक मुख्य कारण है।
आनुवंशिक कारण
अगर कभी आपके घर में या किसी family member में ये PCOD की समस्या रही होगी तो शायद ये आप में भी आ सकती है। जेनेटिक भी का एक मुख्य कारण है।
जंक फ़ूड
जंक फ़ूड का बहुत सेवन करना जैसे की पिज़्ज़ा बर्गर कोल्ड ड्रिंक ये अधिक मात्रा में लेने से शरीर में हॉर्मोन्स का स्तर असंतुलित हो जाता है। इसलिए हमेशा अच्छा और healthy खाना ही खाये अगर महिलाये अपना खान पान सही रखे तो इससे भी PCOD की समस्या कुछ हद तक सही हो सकती है।
PCOD पीसीओडी के लक्षण
पहले तो पीसीओडी की समस्या सिर्फ बड़ी उम्र की महिला के साथ आती थी पर अब तो ये समस्या छोटी उम्र की लड़कियों में भी आ गयी है। जरुरी नहीं है की पीसीओडी के लक्षण सभी महिलाओं में एक जैसे दिखे हर महिला में पीसीओडी के लक्षण अलग अलग दिखते है। आइये देखते है पीसीओडी के कुछ लक्षण
अनियमित पीरियड्स
पीसीओडी का मुख्य लक्षण अनियमित पीरियड्स है। इसमें पीरियड्स कभी समय से पहले आते है या कभी लेट हो जाते है। ज्यादातर महिलाओं में पीरियड्स डेट निकलने के 7 से 14 दिन में आते है। किसी किसी को पीरियड्स के समय बहुत दर्द महसूस होगा तो किसी को थोड़ा कम होगा।
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग
पीसीओडी के केस में पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
चेहरे पर मुंहासे आना
हार्मोन्स के असंतुलन के कारण महिला के चेहरे में मुंहासे आने लगते है। किसी किसी के चेहरे में काले काले धब्बे से बन जाते है।
शरीर या चेहरे पर अत्यधिक बाल
जब एंड्रोजेन नमक हार्मोन्स महिला के शरीर में ज्यादा बनने लगता है तो चेहरे में या शरीर में अत्यधिक बाल आने लगते है।
ओवरी का बढ़ जाना
इसमें ओवरी का साइज नार्मल से दो या तीन गुना ज्यादा बड़ा हो जाती है जिससे फर्टिलिटी में समस्या आ जाती है।
वजन बढ़ना
महिला का वजन बहुत बढ़ने लगता है मोटापा काफी आ जाता है जिससे प्रेगनेंसी नहीं ठहरती।
पेल्विक एरिया में दर्द होना
पेल्विक एरिया में उठने या बैठते समय बहुत दर्द महसूस होता है।
क्या PCOD का इलाज घर में कर सकते है ?
जी हां PCOD कोई बीमारी नहीं होती है। महिला अगर अपना खान पान और लाइफस्टाइल को ठीक करे तो इसका इलाज घर पर ही हो सकता है। आइये हम आपको डिटेल में बताते है PCOD का इलाज
शराब या सिगरेट न पिए
महिलायो का ये बढ़ता हुआ शौक शराब और सिगरेट के लिए यही PCOD की समस्या का सबसे मुख्य कारण है। शराब सिगरेट से महिला के शरीर में मेल हार्मोन्स Male hormones बनने लगते है जिससे गर्भधारण में समस्या आती है। इसलिए शराब सिगरेट बिलकुल भी न पिए नहीं तो आप माँ बनने का सुख नहीं ले पायेगी।
डाइट ठीक करे
महिलाओं को अपना डाइट चार्ट के हिसाब से ही खाना खाना चाहिये। किसी dietcian को फॉलो कर सकते है।अपनी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करे। पिज़्ज़ा बर्गर बिलकुल छोड़ दे अगर बहुत मन है खाने का तो महीने में एक या दो बार इससे ज्यादा जंक फ़ूड न ले।
प्रोटीन युक्त खाना खाये
रोज़ाना प्रोटीन युक्त खाना खाये। अपने खाने में हर तरह की दाल, पालक, बीन्स ले, इनमे प्रोटीन की मात्रा अधिक पायी जाती है। हरी सब्जियाँ या फल खूब खाये। सुबह के समय स्प्राउट्स सलाद दाल का चीला, बेसन का चीला इस तरह की चीज़े खाये। डेरी के प्रोडक्ट जैसे दूध दही कम मात्रा में खाये। बादाम खाये इससे आपका हार्मोन्स संतुलन होगा।
योगा करे
आप रोज़ाना योगा या एक्सरसाइज और मैडिटेशन करे जिससे आपका तनाव कम होगा और हार्मोन्स संतुलन होंगे।
समय से सोना समय से उठना
इसका सबसे अच्छा इलाज है की आप अपनी डेली रूटीन सही करे जैसे की सही समय पर सोना और सुबह समय से उठने से काफी हद तक आप PCOD की समस्या से बच सकते है। अपना लाइफस्टाइल अच्छा रखिये इससे भी होर्मोनेस बैलेंस होगा।
डांस करे
अपने दिन में जितनी भी कैलोरी ली है उसको बर्न burn भी तो करनी है। इसलिए खूब डांस, फिजिकल एक्सरसाइज करिये जुम्बा क्लास ज्वाइन करिये।